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भारतीय बालिका ने एक दिन के लिए ब्रिटिश उच्चायुक्त कि जिम्मेदारी संभाली

इस हफ्ते नई दिल्ली के 18 वर्षीय चैतन्या वेंकटेश्वरन को भारत में ब्रिटेन के सर्वोच्च रैंकिंग वाले राजनयिक के रूप में एक दिन व्यतीत करने का अनोखा अवसर मिला।

IDGC 2020

ब्रिटेन के सबसे बड़े विदेशी नेटवर्क की देखरेख करने वाले सर्वोच्च अधिकारी के रूप में, चैतन्या के गतिविधियों में शामिल था- उच्चायोग के विभाग प्रमुखों को काम काम बाँटना, वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारियों से मिलना, प्रेस से मिलना, और भारतीय महिला प्रतिभागियों के लिए ब्रिटिश काउंसिल के एसटीईएम छात्रवृत्ति के प्रभाव पर नज़र रखने वाले एक अध्ययन कि शुरुआत करना।

चैतन्या यूके मिशन द्वारा संचालित वार्षिक प्रतियोगिता में ब्रिटिश उच्चायुक्त के रूप में कार्यभार संभालने वाली चौथी युवा महिला हैं, जिसका लक्ष्य महिलाओं की अगली पीढ़ी को नेताओं और अगुआ के रूप में सशक्त बनाना है, और कुछ चुनौतियों को उजागर करना है जो महिलाऐं और और लड़कियाँ अनुभव करती है। यह प्रतियोगिता अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस (11 अक्टूबर) के उपलक्ष्य में आयोजित की जाती है।

एक दिन के लिए उच्चायुक्त चैतन्या वेंकटेश्वर ने कहा:

जब मैं छोटी थी, तब मैं नई दिल्ली में ब्रिटिश काउंसिल की लाइब्रेरी में आया करती थी, और यहीं से मुझमें सीखने की चाह जगी। उस ज्ञान के आधार पर, एक दिन के लिए ब्रिटिश उच्चायुक्त बनना एक सुनहरा अवसर था। मेरा दिन कई प्रकार के अनुभवों से भरा था, जिसने सही मायने में महिलाओं की भूमिका और मीडिया, पुलिसिंग और एसटीईएम के क्षेत्र में उनके प्रतिनिधित्व पर मेरे दृष्टिकोण को व्यापक किया है। मैं अब हर जगह महिलाओं के साथ न्यायसंगत व्यवहार को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए अपने नए ज्ञान और अनुभव का उपयोग करने के लिए पहले से अधिक दृढ़ हूँ।

जैन थॉम्पसन, इस दिन के लिए उच्चायुक्त (अन्य दिनों में, भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त) ने कहा:

यह प्रतियोगिता साल के मेरे पसंदीदा अवसरों में से एक है – यह असाधारण युवा महिलाओं को एक मंच प्रदान करने का एक अवसर है, और यह दर्शाता है कि कैसे यूके और भारत महिलाओं और लड़कियों को दुनिया भर में अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचाने के लिए विशेषज्ञता साझा कर रहे हैं। मैं एक दिन के लिए चैतन्या के लिए अपने जिम्मेदारीयों को छोड़ने को लेकर रोमांचित था और इस बात से प्रभावित हुआ कि अविश्वसनीय और सक्षम रूप से उसने इस भूमिका को निभाया, जो 215 प्रविष्टियों में से वाकई एक योग्य विजेता थी।

उच्चायुक्त के रूप में उनके बहुत व्यस्त दिन के बीच में हमने कला के प्रति आपसी प्रेम पर चर्चा करने का भी आनंद लिया। मैं यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि चैतन्य आगे क्या और क्या करती है, क्योंकि वह उन युवा महिलाओं के साथ जुड़ रही है जिनके व्यक्तित्व को हमने इस वार्षिक पहल के माध्यम से बढ़ाया है; वैश्विक नेताओं की अगली पीढ़ी।

ब्रिटिश उच्चायोग ने 2017 से प्रतिवर्ष एक दिन के लिए उच्चायुक्त ’प्रतियोगिता का संचालन किया है, जिसमें 18 से 23 वर्ष की युवा भारतीय महिलाओं को अपने सबसे वरिष्ठ राजनयिक के रूप में पदभार संभालने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इस साल प्रतिभागियों को सोशल मीडिया पर 1 मिनट का वीडियो प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया था, और इस सवाल का जवाब देना था: कोविड -19 के दौर में लैंगिक समानता के लिए आप कौन से वैश्विक चुनौतियां और अवसर देखते हैं?’

कोविड-19 में स्वास्थ्य और सुरक्षा सावधानियों के अनुरूप, वेंकटेश्वरन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया, लेकिन बाद के दिनों में सामाजिक रूप से दूर की सैर में कार्यवाहक उच्चायुक्त जान थॉम्पसन से मिलकर खुश थी।

अन्य जानकारी

चैतन्या वेंकटेश्वरन बुधवार 7 अक्टूबर को एक दिन के लिए उच्चायुक्त बनी थी। दिन में वह मीडिया उद्योग में लैंगिक प्रतिनिधित्व के बारे में जानने के लिए आनंदबाजार पत्रिका के संपादक से मिलीं; मध्य प्रदेश और तेलंगाना के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ जेंडर और पुलिसिंग पर चर्चा की; मार्क्स एंड स्पेंसर के भारतीय दल के साथ बातचीत किया; 166 भारतीय महिला स्कॉलर्स की कहानियों पर आधारित ब्रिटिश काउंसिल के एसटीईएम ट्रेसर स्टडी का शुभारंभ किया; और दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों पर कुछ युवा नेताओं (पिछली प्रतियोगिता के विजेताओं सहित) के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की।

विजेता के बार में

18 वर्षीय चैतन्या वेंकटेश्वरन नई दिल्ली से हाल ही में हाई-स्कूल पास हुई है। वह अंतरराष्ट्रीय अध्ययन और अर्थशास्त्र में पूर्ण छात्रवृति के साथ स्नातक की पढाई कर रही है और अमेरिकन विश्वविद्यालय, वाशिंगटन डीसी में एडवांस्ड लीडरशिप स्टडीज एंड पॉलिटिकल थॉट्स में सर्टिफिकेट प्रोग्राम्स का दूरस्थ अध्ययन कर रही है। एक सक्रिय स्वयंसेवक के रूप में, उसने दृष्टिबाधित छात्रों, एसिड अटैक से बच गए लोगों और हाशिए पर पड़े एलजीबीटी+ समूहों की सहायता के लिए काम किया है। वह एक प्रशिक्षित शास्त्रीय नृत्यांगना, एक कला उत्साही और उत्साही पाठक भी हैं। वह अर्थशास्त्र और वैश्विक सार्वजनिक नीति में कैरियर बनाने का लक्ष्य रखती है। वेंकटेश्वरन का चुनाव 200 से अधिक प्रविष्ठीयों में से किया गया था।

यूके और भारत का लैंगिक समानता पर काम

यूके और भारत महिलाओं और लड़कियों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद करने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं। यूके भारत में राज्य सरकारों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, शिक्षा अधिकारियों और ब्रिटिश व्यवसायों के साथ लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए काफी निकटता से काम कर रहा है। वर्तमान में चल रहे सहयोगी कार्यक्रमों में शामिल हैं:

  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के एक भाग के रूप में, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और ग्रामीण समुदायों में महिलाओं के बीच आजीविका सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ काम करना।.

  • सामाजिक-आर्थिक रूप से हाशिए पर रहने वाली किशोरीयों के साथ काम करके उनकी अंग्रेजी, डिजिटल और नेतृत्व कौशल का विकास करना। .

  • वित्तीय और डिजिटल साक्षरता में सुधार के लिए वित्तीय समावेशी कार्यक्रम चलाना जिसने 12 मिलियन भारतीय महिलाओं को अपनी आजीविका का निर्माण करने के लिए क्रेडिट तक पहुंच प्रदान की है। परियोजनाओं ने 10,000 महिलाओं के स्वामित्व वाले सूक्ष्म व्यवसायों को स्थापित करने या आगे बढ़ाने में मदद की है, 6,000 नौकरियां पैदा की है और 270 से अधिक छोटे उद्यमियों को सहायता प्रदान किया है।

मीडिया

मीडिया पूछताछ के लिए, कृपया संपर्क करें:

सैली हेडली, संचार प्रमुख
प्रेस और संचार, ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली 110021. दूरभाष: 24192100

मेल करें: BHCMediaDelhi@fcdo.gov.uk

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प्रकाशित 11 October 2020