क्वींस बैटन रिले में पहला पड़ाव भारत
कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन 23 जुलाई से 3 अगस्त 2014 तक ग्लासगो (स्कॉटलैंड) द्वारा किया जा रहा है।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 का क्वींस बैटन बीती रात भारत पहुंच चुका है। इससे पहले माननीया महारानी ने 9 अक्टूबर को बकिंघम पैलेस में इसका भव्य उद्घाटन किया था। इन खेलों का आयोजन 23 जुलाई से 3 अगस्त 2014 तक ग्लासगो (स्कॉटलैंड) द्वारा किया जा रहा है।
नई दिल्ली में इस बैटन की अगवानी भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन (आइओए) के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जाएगी, जिनमें श्री वी के मलहोत्रा, वर्तमान अध्यक्ष, भारतीय अध्यक्ष एसोसिएशन (आइओसी मान्यताप्राप्त) तथा कई अन्य नामचीन भारतीय एथलीट शामिल होंगे।
गौरतलब है कि स्कॉटिश सरकार के विदेश मामले तथा अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री श्री हम्जा युसूफ एमएसपी भी बैटन आगमन के समय ही भारत के दौरे पर रहेंगे इसलिए वे भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। श्री युसूफ अपने छह दिनों की नई दिल्ली तथा मुम्बई की यात्रा के दौरान कई व्यवसाय, सांस्कृतिक तथा राजनयिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे। वे कई सेक्टरों के सरकारी प्रतिनिधियों तथा निवेशकों से मुलाकात करेंगे।
मंत्री श्री हम्जा युसूफ ने कहा:
क्वींस बैटन रिले कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 का एक रोमांचक और असाधारण हिस्सा है। ग्लासगो गेम्स स्कॉटलैंड के लिए भारत तथा दुनिया के अन्य कॉमनवेल्थ राष्ट्रों के साथ नए संबंधों के निर्माण तथा मौजूदा रिश्ते को और प्रगाढ़ बनाने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करते हैं।
समूचा स्कॉटलैंड अगले साल की तैयार में जुटा है, जब ग्लासगो दुनिया के मुख्य केंद्र में होगा और इस महान खेल आयोजन में दुनिया का स्वागत किया जाएगा। स्कॉटिश सरकार गेम्स के सामाजिक तथा आर्थिक अवसरों के दोहन के लिए दृढ़संकल्प है जिससे स्कॉटलैंड की विरासत और मजबूत होगी। क्वींस बैटन रिले जैसे कार्मक्रमों के जरिए हम कॉमवेल्थ में दिखा सकते हैं कि क्यों स्कॉटलैंड रहने, अध्ययन करने, निवेश करने तथा यात्रा करने के लिए बेहतरीन जगह है।
ब्रिटिश उच्चायुक्त सर जेम्स बीवन बैटन के आगमन पर साप्ताहांत में अपने निवास पर एक समारोह आयोजित करेंगे। इसमें स्कॉटिश मंत्री श्री युसूफ, आइओए के अधिकारी, खेल जगत की हस्तियों तथा अन्य नामचीन लोग शामिल हो सकते हैं।
सर जेम्स ने कहा:
मुझे भारत में क्वींस बैटन का स्वागत करने में हर्ष का अनुभव हो रहा है। इससे हमें कॉमनवेल्थ के कई केंद्रीय मूल्यों के बारे में विचार करने का प्रोत्साहन मिलता है। यह हमें समानता तथा सम्मान की भावना के साथ युवाओं की बेहतरी को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करेगा। इससे हमें टिकाऊ विकास करने तथा पर्यावरण की सुरक्षा पर विचार करने की प्रेरणा मिलेगी। और बैटन की डिजाइन भी हमें कॉमनवेल्थ के खुलेपन तथा पारदर्शिता, लोकतांत्रिक आधार वाले मूल्यों पर विचार करने को प्रोत्साहित करती है।
भारत में यह बैटन आगरा के ताजमहल, इंडिया गेट, नेशनल स्टेडियम तथा नई दिल्ली स्थित कुतुबमिनार तक ले जाया जाएगा। 14 अक्टूबर सोमवार यह बांग्लादेश के लिए प्रस्थान करेगा।
अधिक जानकारी:
कॉमनवेल्थ गेम्स एक अंतर्राष्ट्रीय खेल समारोह है, जिसमें राष्ट्रमंडल देशों की 70 टीमें भाग लेती हैं। इस गेम्स में 4500 ऐथ्लीट्स भाग लेंगे तथा 1,000,000 टिकटों की बिक्री होगी। इस गेम्स में 15,000 सेन्यकर्मी तथा स्वयंसेवी अपनी सेवा प्रदान करेंगे। यह तीसरी बार है कि स्कॉटलैंड को इन गेम्स के आयोजन के लिए चुना गया है।
क्वींस बैटन 288 दिनों में कुल 190,000 किलोमीटर की यात्रा करेगा, जो धरती के व्यास की चार गुनी अधिक दूरी होगी। इसके बाद यह 23 जुलाई 2014 को ग्लासगो के स्थल पर जा पहुंचेगा।
इस बैटन की डिजाइन में ग्लासगो तथा स्कॉटलैंड की संस्कृति, इतिहास तथा आविष्कारी कार्यों तथा निर्माण को दर्शाया गया है। बैटन के केंद्रीय हिस्से में महारानी का संदेश है, जिसे ग्लासगो में हस्तनिर्मित चर्म पत्र पर लिखा गया है। इसके लिए लिनेन तथा वनस्पति रेशों का इस्तेमाल किया गया है। इस संदेश को पारदर्शन सिलिंडर में एक शुद्ध टाइटेनियम लैटिसवर्क फ्रेम में लपेट कर रखा जाएगा। पहली बार संदेश को बैटन डिजाइन का मुख्य दर्शनीय हिस्सा बनाया गया है, जो एलईडी लाइटों द्वारा प्रकाशित होगा। पर इसे उद्घाटन समारोह तक पढ़ा नहीं जा सकेगा।
इस बैटन का हैंडल एल्म लकड़ी से बनाया गया है, जो आइले ऑफ कम्बरी के गैरिसन हाउस की भूमि से प्राप्त होती है। इस लकड़ी को स्कॉटलैंड के प्राकृतिक संसाधन के प्रति सराहना के तौर पर देखा जाता है। इसे नौका निर्माण तकनीकी द्वारा बनाया गया है, जिसे बर्ड-माउथिंग कहा जाता है। इस तकनीकी का इस्तेमाल पारम्परिक रूप से जहाजों के मस्तूलों के निर्माण में किया जाता था। इस प्रकाशित, मजबूत तथा टिकाऊ हैंडल को गालगेल में शिल्पकारों द्वारा तैयार किया गया है। गालगेल एक सामाजिक उद्यम है जहां पारम्परिक कौशल सिखाए जाते हैं।
इस बैटन में ग्रेनाइट का एक ‘रत्न-पत्थर’ डाला गया है, जो हरेक राष्ट्र तथा क्षेत्र को उपहार में दिया जाएगा। बैटन के सबसे ऊपर इसे एक क्लेवर पजल प्रणाली द्वारा खोला जाता है। ग्रेनाइट निर्मित रत्न-पत्थर स्कॉटलैंड के लिए अनोखी चीज है, जिसे क्लाइडे के ऐल्सा क्रेग से लाया गया है। इसकी रचना स्कॉटलैंड के केज़ द्वारा की गई है तथा इसे ग्लासगो स्कूल ऑफ आर्ट के जौहरियों द्वारा सजाया गया है।
- अधिक जानकारी
- बैटन रिले मार्ग
- क्यूबीआर तथा अपनी भारत यात्रा के बारे में मंत्री श्री युसूफ की बातचीत पर ऑडियो क्लिप्स।