बेहतर स्वास्थ्य परिणामों के लिए सहयोग
दवा निर्माण क्षेत्र में सुधारों को गति प्रदान करने के उपायों पर चर्चा के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र के अग्रणियों की बैठक।

स्वास्थ्य तथा जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों को उन कारगर दवाओं का विकास करने पर केंद्रित होना चाहिए, जिनसे करोड़ों मरीजों को लाभ होता है तथा यह केवल सहयोग तथा अभिनव प्रयोगशीलता से ही हो सकता है, ऐसा कहा विश्व के अग्रणी स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों ने।
बैंगलोर इंडिया बायो के उद्घाटन दिवस पर बोलते हुए, जीवन विज्ञान क्षेत्र के अग्रणियों ने यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआई) इंडिया मेकिंग टुमारो’ज मेडिसिन पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर भारतीय नवउद्यमी तथा भारत की सबसे बड़ी जैव-प्रौद्योगिकी कंपनी, बायोकॉन लिमिटेड की अध्यक्ष, डॉ. किरण मजूमदार शॉ ने कहा, कि मेडिसिन ऑफ टुमारो का निर्माण करने के क्रम में, चिकित्सा विकास हेतु प्रयासों के लिए अभिनव प्रयोगशीलता का लाभ उठाया जाना चाहिए जिससे उन्हें सस्ता और सुलभ बनाया जा सके।
डॉ. शॉ ने कहा:
चूंकि वैश्विक प्राथमिकताएं अब विशिष्ट तथा महंगी दवाएं उपलब्ध कराने से बदल कर अधिकाधिक सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने पर केंद्रित हो गई हैं, जिनसे वे अधिकाधिक मरीजों को हासिल हो सकें, अतः हमें ऐसी कारगर और सफल दवाओं का विकास करने की जरूरत है जिनसे करोड़ों मरीजों को लाभान्वित किया जा सके।
भारत जैसे एक विकासशील देश को एक सस्ते नवप्रयोगशील मॉडल में निवेश करना चाहिए जो भारत की तेजी से बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने में सहायक हों, जहां सरकार द्वारा संचालित एक सार्वभौम स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम के अभाव में स्वास्थ्यसेवा पर किया जानेवाला 80 प्रतिशत व्यय मरीजों द्वारा वहन किया जाता है।
उन्होंने आगे कहा:
ब्रिटेन, अपनी शोध संस्थाओं, अभिनव प्रयोगधर्मी कंपनियों तथा एक विस्तृत वैज्ञानिक समुदाय युक्त वातावरण के साथ, उच्च-स्तरीय प्रयोगशीलता और शोध हेतु महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभर कर आया है। चूंकि भारतीय कंपनियों की एक बड़ी संख्या अभिनव प्रयोगशीलता हेतु स्वयं-प्रतिबद्ध हैं, अतः ब्रिटेन का प्रयोगशील वातावरण इन कंपनियों को सीखने के अवसर प्रदान कर सकता है, जिससे ये कंपनियां सहयोगात्मक शोध तथा गठबंधनों द्वारा नई दक्षताओं का विकास कर सकें, और अब तक असाध्य चिकित्सा आवश्यकताओं के समाधान हेतु अपने लक्ष्यों के लिए साथ मिलकर कार्य कर सकें।
बैंगलोर इंडिया बायो के इस 16 वें संस्करण में 20 से अधिक कंपनियों की भागीदारी के साथ सबसे मजबूत उपस्थिति ब्रिटेन की रही। ब्रिटिश उप उच्चायुक्त, डॉमिनिक मैकएलिस्टर ने कहा कि ब्रिटेन और भारत ने गत वर्षों में जीवन विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग की विरासत निर्मित की है।
उन्होंने कहा:
बेंगलुरु के ब्रिटिश उप उच्चायोग में हमारी भूमिका न केवल मौजूदा संपर्कों को मजबूत करना, बल्कि साथ कार्य करने के नए तरीके ढूंढना भी है। ब्रिटिश क्षमताओं का उपयोग करते हुए भारत में भविष्य की दवाओं का निर्माण करना प्रधानमंत्री मोदी की मेक इन इंडिया आकांक्षाओं के अनुरूप तथा ग्रेट फॉर कॉलब्रेशन अभियान का एक उदाहरण है जो भारत और ब्रिटेन के बीच नई भागीदारियों को प्रेरित करने के उद्देश्य से आयोजित है।
ब्रिटेन का अग्रणी वैश्विक कंपनियों के माध्यम से लागत-प्रभावी तथा सरल दवाओं के निर्माण का एक लंबा ट्रैक-रिकार्ड रहा है। भारत ने एक विनिर्माता आपूर्तिकर्ता श्रेणी के अग्रणी आपूर्तिकर्ता के रूप में इटली से बढ़त हासिल कर ली है और यह मेकिंग टुमारो मेडिसिन के निर्माण से संबद्ध गतिविधियों हेतु केंद्र के तौर पर विकसित होने के लिए एक आदर्श स्थिति में है।
यूकेटीआई जीवन विज्ञान क्षेत्र विशेषज्ञ जॉन मॉवल्स, जो ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे हैं, ने कहा कि ब्रिटेन में जीवन विज्ञान क्षेत्र में खोज की एक समृद्ध विरासत मौजूद है, जिसने वैज्ञानिक ज्ञान को पूर्णतः परिवर्तित कर दिया है और अब भी चिकित्सकीय परीक्षण तथा वाणिज्यिक अवसर मुहैया करा रहा है।
उन्होंने कहा:
ब्रिटिश विज्ञान विश्व-स्तरीय है, जो उद्योग को विश्वस्तर पर स्वीकृत अग्रदूतों तथा नव-आविष्कारकों के साथ सहभागिता का अवसर मुहैया कराता है। ब्रिटेन में अनुशंसित सभी दवाओं में से तकरीबन पच्चीस प्रतिशत भारत निर्मित होती हैं और मेरी इच्छा है कि मैं भारतीय विशेषज्ञों से मुलाकात करूं और उनसे चर्चा करूं कि किस प्रकार हम साथ मिलकर टुमारो’ज मेडिसिन बना सकते हैं।
इच्छुक पक्ष बैंगलोर बायो 2016 में यूकेटीआई निवेश परामर्शदाताओं से मुलाकात तथा बैठक भी कर सकते हैं जो उन्हें ब्रिटेन के साथ सहभागिता अवसरों के लिए सहयोग प्रदान कर सकते हैं।
आगे की जानकरी:
बैंगलोर इंडिया बायो 2016 में यूकेटीआई की भागीदारी
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मेकिंग टुमारो’ज मेडिसिन (एमटीएम): यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट ब्रिटिश सरकार के अन्य विभागों के साथ मिलकर उनके मुख्यालयों में विश्व की भावी आवश्यकता, टुमारो’ज मेडिसिन बनाने के काम में चुने हुए देशों की सहायता हेतु एक वैश्विक अभियान पर काम कर रहे हैं। इसके तहत वैश्विक वैक्सीन डिजाइन तथा विकास हेतु प्रौद्योगिकी का अंतरण तथा औषधि विनिर्माण उद्योग में ईंधन की धारणीयता के प्रति प्रक्रियागत नव-प्रयोगशीलता के कार्य सम्मिलित हो सकते हैं। ज्यादातर क्षेत्रों में ब्रिटेन के पास क्षमता है। यह ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के अनुसार भी बेहद उपयुक्त है।
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बैंगलोर इंडिया बायो 2016 के चित्र यहां देखें।
ग्रेट फॉर कोलैब्रेशन
ग्रेट फॉर कोलैब्रेशन, भारत-ब्रिटेन के व्यावसायिक सहयोग को प्रदर्शित करनेवाला एक महत्वाकांक्षी तथा गतिशील नया अभियान है। यह अभियान, जिसे प्रधानमंत्री मोदी तथा प्रधानमंत्री कैमरन द्वारा शुरू किया गया है, नई सहभागिताओं को प्रेरित तथा भारत के प्रति ब्रिटेन की प्रतिबद्धता के पैमाने पर वृहत्त जागरुकता को प्रोत्साहित करेगा। कुल मिलाकर इसका उद्देश्य दोनों देशों के मध्य व्यवसाय में वृद्धि करना है। यह अभियान भारत तथा ब्रिटेन के बीच कई प्रकार के क्षेत्रों में परस्पर लाभकारी सहभागिताओं को प्रदर्शित तथा प्रोत्साहित करता है, जैसे ऊर्जा, स्वास्थ्यसेवा, आधुनिक विनिर्माण, वित्तीय सेवाएं तथा मूलभूत संरचना क्षेत्र।
ग्रेट फॉर कोलैब्रेशन वीडियो
देखें कि ब्रिटेन क्यों एक सर्वाधिक आकर्षक विदेशी व्यवसाय गंतव्य है।
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अधिक जानकारियों के लिए, अथवा उप उच्चायुक्त डॉमिनिक मैकएलिस्टर या, यूकेटीआई लाइफ साइंस सेक्टर विशेषज्ञ जॉन मॉवल्स से साक्षात्कार हेतु, कृपया ई-मेल करें:
- एल्के पास्को, एमएचपी कम्यूनिकेशंस
- मंजुनाथ श्रीपति या कॉल करें: +91- 7259021102
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