विश्व की समाचार कथा

ब्रिटेन का व्यापार प्रतिनिधिमंडल गुवाहाटी की यात्रा पर

एग्री-टेक मिशन ब्रिटिश कंपनियों को भारतीय खरीदारों और प्रभावकों के साथ गतिशील साझेदारी स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगा।

livestock trade mission

डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल ट्रेड (डीआईटी) ने विशेष तौर पर पिगरी सेक्टर सहित ब्रिटेन के बेहतरीन एग्री टेक को प्रदर्शित करने के लिए 6 सदस्यीय लाइवस्टॉक बिजनेस मिशन को पेश किया है। कंपनियां उत्तर पूर्वी भारत में अपने व्यापार का विस्तार करने के लिए आशान्वित हैं और फिलहाल इस क्षेत्र में व्यापारिक अवसरों और साझेदारियों की संभावनाएं तलाश रही हैं।

यूके लाइवस्टॉक सेक्टर का वर्ल्ड लीडर है और 2022 तक कृषि उत्पादन को दोगुना करने की भारत की योजना को देखते हुए ब्रिटेन की कंपनियों को इस दिशा में भारत की मदद करने के महत्वपूर्ण अवसर नजर आ रहे हैं।

अक्टूबर 2017 में, भारत में ब्रीडिंग के लिए यूके से जीवित सूअरों के निर्यात हेतु ब्रिटेन के संशोधित निर्यात स्वास्थ्य प्रमाण पत्र को स्वीकार किया था। इस कदम से पिगरी सेक्टर में भारत-ब्रिटेन के व्यापार और साझेदारियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

गुवाहाटी का दौरा करने वाली कंपनियां ब्रिटेन के सबसे अच्छी पिगरी इंटरप्राइजेज में शामिल हैं जिन्हे जेनेटिक्स से लेकर मीट प्रोसेसिंग और रिटेलिंग सहित पिग फार्मिंग के सभी पहलुओं में विशेषज्ञता हासिल है।

ब्रिटिश पिग एसोसिएशन के अलावा ट्रेड मिशन के सदस्यों में शामिल हैं:

  • जेनेसस यूके लिमिटेड
  • जेएसआर जेनेटिक्स
  • मीटवाइज इंटरनेशनल
  • पेडिग्री एक्सपोर्ट यूके
  • पेडिग्री पिग्स आयरलैंड

ब्रिटिश उप उच्चायोग कोलकाता और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक इंटरैक्टिव बिजनेस सेशन में मिशन की उप प्रमुख, ब्रिटिश डीएचसी कोलकाता, सुश्री शाहिदा खान ने कहा:

यूके पूर्वोत्तर के साथ व्यापार करने के लिए बेहद उत्सुक है। यह दो वर्षों में ब्रिटिश पिग एसोसिएशन का तीसरा दौरा है जो न्यूक्लियस ब्रीडिंग स्टॉक की आनुवंशिक क्षमता को बेहतर बनाने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र में विभिन्न राज्य सरकारों के साथ काम करना चाहते हैं।

ग्लोबल एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी में ब्रिटेन के अग्रणी स्थान का उल्लेख करते हुए सुश्री खान ने कहा कि ब्रिटेन भारत को उत्पादन में सुधार से लेकर क्लीन कोल्ड चेन सेंटर्स की स्थापना सहित लाइवस्टॉक सेक्टर के सभी स्पेक्ट्रम को कवर करने की पेशकश करता है। पिगरी सेक्टर पर उन्होने कहा कि ब्रिटिश पेडिग्री पिग्स बेहतर उत्पादन को बढ़ावा देता है जिसमें तेज वृद्धि, लो फूड कंवर्जन, अधिकतम लीन मीट और बेजोड सो प्रोडक्टिविटी शामिल है।

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, नई दिल्ली के प्रिंसिपल डायरेक्टर, डॉक्टर रंजीत मेहता ने ब्रिटेन के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और लाइवस्टॉक सेक्टर में भारत-ब्रिटेन की साझेदारी के बेजोड़ अवसरों को महसूस किया।

अधिक जानकारी

उत्तर पूर्व और भारत में पिगरी इंडस्ट्री: 2015 में भारत का पोर्क आयात 527 मेट्रिक टन था। होटल, रेस्तरां और संस्थागत क्षेत्रों के साथ रिटेल सेगमेंट में निरंतर बढ़ती मांग की वजह से 2010 से 2015 के बीच पोर्क आयात में 11% सीएजीआर से वृद्धि हुई है। असम, नागालैंड और मेघालय उत्तर पूर्वीय क्षेत्र के प्रमुख सुअर पालक राज्य हैं और भारत के कुल सुअरों में 28% इस क्षेत्र में ही मौजूद हैं।

नवीनतम पशुधन जनगणना (19वीं पशुधन जनगणना, 2012) के मुताबिक भारत की सुअर की आबादी 10 मिलियन से ज्यादा है, जो कि देश के समग्र पशुधन का लगभग 2% और विश्व में सुअरों की संख्या का 1% है। पिग सेक्टर समाज के कमजोर वर्गों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। पिग फार्मिंग से रोजगार सृजन के महत्वपूर्ण अवसर पैदा होते हैं। पिछले 5 वर्षों में सूअरों और ताजा पोर्क के मांग में काफी वृद्धि हुई जिससे पोर्क की कीमत में 20% की बढ़ोत्तरी हो गई है।

ब्रिटेन का प्रतिनिधिमंडल:

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प्रकाशित 30 November 2017