कुशल प्रशासन के लिए बिग डेटा आवश्यक है
नीति निर्माण, कुशल प्रशासन और विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए प्रामाणिक डेटा का संग्रह, विश्लेषण और रियल-टाइम उपयोग आवश्यक है।
यह निष्कर्ष भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर-ब्रिटिश उप उच्चायोग कोलकाता द्वारा 28 नवंबर को कोलकाता में आयोजित ‘बिग डेटा फॉर बेटर गवर्नेंस: प्रमोटिंग डेटा-ड्रिवेन पॉलिसी मेकिंग एंड गवर्नेंस इन वेस्ट बंगाल’ वर्कशॉप में निकला।
व्यापक कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित वर्कशॉप में चर्चा की गई कि कैसे नीति निर्माण, प्रशासन और सार्वजनिक सेवाओं के प्रतिपादन की योजना बनाने में डेटा का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है। वर्कशॉप में इस बात पर सहमति व्यक्त की गई कि साक्ष्य आधारित नीतियों को तैयार करने और दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ सार्वजनिक सेवाओं का नियोजन और निष्पादन करने के लिए भारत में डेटा की काफी आवश्यकता है।
इस अवसर पर ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त कोलकाता, ब्रिटिश उप उच्चायुक्त कोलकाता, ब्रूस बक्नेल ने कहा:
हम अब इतना डेटा उत्पन्न कर रहे हैं कि यह एक चुनौती और अवसर दोनों बन गया है। चुनौती इसलिए है कि इतना ज्यादा डेटा है और हमने अभी इसके बेहतर उपयोग को समझना शुरु किया है। अवसर - क्योंकि कुशल विश्लेषण और डेटा के प्रयोग से हमारी जिंदगी की गुणवत्ता को काफी बेहतर बनाया जा सकता है।
श्री बक्नेल ने यह महसूस किया कि सरकार द्वारा बिग डेटा के उपयोग के लिए नीति निर्माण में सुधार करना चाहिए और नीतियों व कार्यक्रमों के और अधिक पारदर्शी एवं कुशल कार्यान्वयन की तरफ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होने कहा:
डेटा सिर्फ सरकारों के लिए नहीं हैं; डेटा तक पहुंच होने पर जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग लाभान्वित हो सकते हैं। डेटा सूचना है - और सूचना तक पहुंच काफी स्वतंत्र और और सशक्त कर सकता है।
अपने डिजिटल इंडिया इनिशिएटिव के अंतर्गत भारत सरकार ने डेटा आधारित प्रशासन और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए डेटा के लिए एक ओपन गवर्नमेंट प्लेटफॉर्म बनाया है। हालांकि, डेटा-नेतृत्व वाले शासन को वास्तविक बनाने के लिए जागरूकता बढ़ाने, अपेक्षित डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर, रेगुलेटरी व पॉलिसी फ्रेमवर्क व स्किल को विकसित करने की आवश्यकता है।
बीडीएचसी कोलकाता और आईआईटी-खड़गपुर द्वारा पश्चिम बंगाल में डेटा-संचालित शासन को सुविधाजनक बनाने के लिए इस ‘बिग डेटा फ़ॉर बेटर गवर्नेंस’ परियोजना की अवधारणा इस पृष्ठभूमि के खिलाफ है। इस परियोजना का लक्ष्य नीति निर्माताओं द्वारा निर्णय लेने, योजना बनाने, सार्वजनिक सेवाओं को प्रतिपादित करने और उसकी प्रक्रिया व संसाधनो को बचाने में डेटा और डिजिटल टेक्नोलॉजी की सहायक की भूमिका को प्रदर्शित करते हुए गवर्नेंस में बिग डेटा की भूमिका पर चर्चा को प्रोत्साहित करना है।
डेटा पॉलिसी फ्रेमवर्क, डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर और नॉलेज बेस को विकसित करने में यूके के अनुभव को साझा करके यह परियोजना ऐसा करती है। परियोजना का उद्देश्य पूरे राज्य में सफल डेटा प्रोग्राम को लागू करने के क्रम में सरकार की मदद करने के लिए नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और संबंधित हितधारकों के साथ राज्य स्तर पर टास्क फोर्स का निर्माण करना भी है।
अपने अनुभवों व जानकारियों को साझा करने और अपने स्थानीय समकक्षों के साथ बातचीत करने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्रैथक्लाइड, ट्रांसपोर्ट फॉर लंदन, एनएचएस नेशनल सर्विसेज स्कॉटलैंड, इंस्टीट्यूट फॉर फ़्यूचर सिटीज और टेक कंपनी रेड निंजा के पांच यूके विशेषज्ञ कोलकाता में हैं। निदेशक प्रोफेसर पी पी चक्रवर्ती की अगुआई में आए आईआईटी-खड़गपुर के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के अलावा भारत सरकार व पश्चिम बंगाल सरकार दोनों के वरिष्ठ नौकरशाहों और अधिकारियों ने कार्यशाला में भाग लिया। परस्पर वार्ता सत्र प्रशासन में बिग डेटा की भूमिका; पश्चिम बंगाल के सरकारी विभागों में नये डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर और नॉलेज बेस बनाने की आवश्यकता; और क्रॉस-गवर्नमेंट डेटा प्रोग्राम की पेशकश पर आधारित थे जिसे राष्ट्रीय दिशानिर्देशों और सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय कार्यप्रणाली के अनुसार क्रियान्वित किया गया।
वर्कशॉप को उम्मीद है कि इसमें भाग लेने वाले पश्चिम बंगाल सरकार के कुछ विभाग पॉलिसी निर्माण करने और राज्य स्तर पर डेटा ऑब्जर्वेट्री इनिशिएटिव में योगदान करने के लिए अपने संबंधित विभागों में स्ट्रक्चर्ड डेटा प्रोग्राम को लागू करेंगे।
इस वर्कशॉप के फॉलो अप के तौर पर ब्रिटिश उप-उच्चायोग कोलकाता और आईआईटी- खड़गपुर द्वारा 2018 में दो दिवसीय तकनीकी कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा जहां यूके के डेटा ऑब्जर्वेटर्स भारतीय शिक्षाविदों, डेटा वैज्ञानिकों और डेटा-प्रबंधकों के साथ चयनित डोमेन में डेटा बनाने, तैयार करने, स्टोर करने और शेयर करने से संबंधित अपने अनुभवों को साझा करेंगे।
अधिक जानकारी
-
रिचर्ड बेलिंघम स्ट्रेथक्लाइड विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट फॉर फ्यूचर सिटीज के डायरेक्टर है जिसका लक्ष्य स्थिरता, लचीलापन, कल्याण, स्वास्थ्य, प्रवास और स्मार्ट शहरों से संबंधित मुद्दों को सुलझाते हुए दुनिया भर के शहरों में मानवीय जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
-
डेल कैंपबेल ट्रांसपोर्ट फॉर लंदन के टेक्नोलॉजी एंड डेटा डायरेक्टोरेट में डेटा और एनालिटिक्स टीम के लिए प्रिंसिपल डेटा साइंटिस्ट हैं। वह उस टीम की अगुआई करते हैं जो ऑटोमेटेड डेटा कलेक्शन सिस्टम से एकत्र किए गए डेटा से टीएफएल की कस्टमर व ऑपरेशनल डेटा की समझ को विकसित करता है। उनका ध्यान टीएफएल के ग्राहकों और उनके यात्रा संबंधित व्यवहार को समझने पर केंद्रित है।
-
मनीरा अहमद एनएचएस नेशनल सर्विसेज स्कॉटलैंड के स्थानीय इंटेलिजेंस प्रमुख हैं। मनीरा हेल्थ और सोशल केयर में लोकल इंटेलिजेंस की तैनाती की अगुआई करते हैं। पहले साल के अंदर ही लोकल इंटेलिजेंस सपोर्ट टीम स्कॉटलैंड के सभी इंटीग्रेशन अथॉरिटी में एम्बेड हो गई थी और इससे व्यक्तियों को बेहतर निर्णय लेने में सहायता करने के लिए कई केयर सेक्टर्स में लिंक डेटा की को-डिजाइनिंग की गई थी।
-
जेनेट ह्यूज फ्यूचर सिटीज - सिटी ऑब्ज़र्वेटरी के प्रोग्राम मैनेजर हैं, जो फ्यूचर सिटी की समग्र चुनौतियों के समाधान हेतु काम करते हैं, इसमें डिजिटल डेवलपमेंट, सर्विस रिडिजाइन, पॉलिसी और बिजनेस चेंज के लिए बिग डेटा का एनेलिसिस और मॉडलिंग शामिल हैं।
-
ली ओमर रेड निंजा के संस्थापक और सीईओ हैं, रेड निंजा एक डिजाइन-आधारित तकनीक कंपनी जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, आईओटी, स्मार्ट सिटीज, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और एप डेवलपमेंट में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए टेक्नोलॉजी का सह-निर्माण करती है। ली ने फोरसाइट फ्यूचर सिटीज प्रोजेक्ट पर यूके सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के साथ काम किया है जो अगले 50 वर्षों में यूके के शहरों की चुनौतियों और अवसरों पर फोकस करता है।
मीडिया
मीडिया से संबंधित प्रश्नों के लिए, कृपया संपर्क करें:
स्टुअर्ट एडम, हेड,
प्रेस और कम्युनिकेशन
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली 110021
टेलीफोन: 24192100; फैक्स: 24192400
मेलः मेनक डे
हमें फॉलो करें Twitter, Facebook, Flickr, Storify, Eventbrite, Blogs, Youtube, Instagram, Snapchat @UKinIndia, Periscope @UKinIndia