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शिरीन मिस्त्री को प्रतिष्ठित एमबीई पुरस्कार मिला

सुश्री मिस्त्री ने मुम्बई के ब्रिटिश उप उच्चायोग में वर्ष 1992 से लेकर वर्ष 2015 तक 23 वर्षों तक संभाला है।

यह 2015 to 2016 Cameron Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
The Duke and Duchess of Cambridge award MBE to Shireen Mistry

भारत और युनाइटेड किंग्डम के बीच मजबूत संबंधों को स्थापित करने में योगदान को मन्यता देते हुए भारतीय नागरिक शिरीन दिनशॉ मिस्त्री को महारानी ने सम्माननीय ब्रिटिश राज्य का एमबीई पुरस्कार देने की स्वीकृति दी है।

सुश्री मिस्त्री ने मुम्बई के ब्रिटिश उप उच्चायोग में वर्ष 1992 से लेकर वर्ष 2015 तक 23 वर्षों तक उनके पश्चिम भारत के संचार और सार्वजनिक मामलों के विभाग को संभाला है।

सुश्री मिस्त्री को यह सम्माननीय एमबीई पुरस्कार ड्यूक एवं डचेज़ ऑफ कैंब्रिज की 11 अप्रैल 2016 को मुम्बई यात्रा के दौरान रॉयल हाइनेस ड्यूक ऑफ केम्ब्रिज द्वारा प्रस्तुत किया गया है।

मुम्बई स्थित ब्रिटेन के उप उच्चायुक्त कुमार अय्यर ने कहा:

शिरीन मिस्त्री भारत और युनाइटेड किंग्डम के बीच मजबूत और अनुकूल संबंधों की एक शक्तिशाली और प्रभावशाली अधिवक्ता रहीं हैं। इसके साथ ही वे पश्चिम भारत में मीडिया और ब्रिटिश सरकार के बीच एक कड़ी रहीं हैं और वे एक प्रख्यात, उच्च दर्जे की ब्रिटिश उप उच्चायोग की कर्मचारी भी रहीं हैं। मैं प्रसन्न हूं कि महारानी ने शालीनतापूर्वक इस पुरस्कार को स्वीकृति दी है और माननीय ड्यूक ऑफ कैंब्रिज ने इसे शिरीन को देने की सहमति दी है। वे इसकी अधिकारी हैं”।

अधिक जानकारी

  • सुश्री मिस्त्री बॉम्बे विश्वविद्यालय (सेंट जेवियर्स कॉलेज, जहां वे लोकप्रिय सालाना उत्सव मल्हार की सह संस्थापिका रही हैं) और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (सोमरविल कॉलेज) से स्नातक हैं। उन्होंने ब्रिटिश उप उच्चायोग से जुड़ने से पहले पत्रकार के रूप में कार्य किया है।

  • ब्रिटिश राज्य का आदेश (जिसमें कई उच्च पद हैं) ब्रिटेन के लोकतंत्र की शिष्टता का आदेश है। इस पुरस्कार के लिए बहुमूल्य सेवा एक मापदंड है। अन्य देशों के नागरिकों को भी युनाइटेड किंग्डम और उसके लोगों के लिए सेवा प्रदान करने के लिए यह सम्मानीय पुरस्कार दिया जा सकता है। ब्रिटिश राज्य के सदस्य (एमबीई) को वर्ष 1917 में किंग जॉर्ज पंचम द्वारा शुरू किया गया था जिसके तहत उन अनेक लोगों के ब्रिटेन के युद्ध स्तर पर प्रयास और युद्ध के बाद के प्रयोजन में योगदान को मान्यता दी जाती है ताकि एक व्यापक पैमाने पर सेवाओं को पुरस्कृत किया जा सके। एमबीई के तहत महिलाओं और विदेशियों को शिष्टता के आदेश में पहली बार शामिल किया गया है।

  • आगे की जानकारी के लिए संपर्क करें नाजनीन साहियार, संचार एवं सार्वजनिक मामलों की अधिकारी या कॉल करें +91 9833811617

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प्रकाशित 11 अप्रैल 2016