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ब्रिटेन और बिहार के बीच साझेदारी - भावी मार्ग

इस विचार गोष्ठी ने इतनी गहरी दिलचस्पी जगाई कि यूकेटीआई और ब्रिटिश काउंसिल सहित ब्रिटेन की छह कंपनियों ने पटना पहुंच कर इसमें भाग लिया।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Sanajay Wadvani

कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई), बिहार राज्य कार्यालय के सहयोग से पूर्वी भारत स्थित ब्रिटिश उपउच्चायोग ने 19-20 मार्च को बिहार में एक सम्मेलन(आउटरीच प्रोग्राम) आयोजित किया। इसके तहत 20 मार्च को पटना में एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई और उसके बाद बिहार-ब्रिटेन व्यापार एवं निवेश संबंधों को आगे बढ़ाने के मसले पर व्यावसायिक प्रतिनिधियों के बीच आमने-सामने की बैठक में चर्चा हुई।

विचार गोष्ठी का विषय था ‘‘ब्रिटेन और बिहार के बीच साझेदारी - भावी मार्ग’’ जिसने ब्रिटेन और बिहार दोनों के उद्यमियों का अत्यधिक ध्यान आकर्षित किया। ब्रिटेन सरकार को प्रतीत होता है कि बिहार के विशेषकर ढांचागत सुविधाओं, शिक्षा एवं प्रशिक्षण, बिजली (नवीकरणीय ऊर्जा सहित) और स्वास्थ्य की देखभाल जैसे क्षेत्रों में अनेक अवसरों की संभावना है। इसके मद्देनजर इस विचार गोष्ठी ने इतनी गहरी दिलचस्पी जगाई कि यूकेटीआई और ब्रिटिश काउंसिल सहित ब्रिटेन की छह कंपनियों ने पटना पहुंच कर इसमें भाग लिया।

पूर्वी भारत स्थित ब्रिटिश उपउच्चायुक्त संजय वाडवानी ने विचार गोष्ठी को संबोधित किया। बिहार सरकार के उद्योग विभाग के निदेशक शैलेश ठाकुर, बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक दीपक कुमार सिंह और सीआईआई, बिहार राज्य परिषद के पूर्व चेयरमैन प्रमोद शर्मा ने बिहार में निवेश के अवसरों पर प्रकाश डाला।

प्रतिनिधिमंडल में यूकेटीआई और ब्रिटिश काउंसिल के अलावा ब्रिटेन की कंपनियां- जॉन्स लॉन्ग ला साल्ल, मनिपाल सिटी एंड गिल्ड्स, यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज ईएसओएल, ग्लोबल इमर्सन, अल्ट्रा फेयरवुड तथा सप्लाई चेन फाउंडेशन शामिल थे।

इस समूह ने बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा के साथ बैठक की और बिहार के मुख्य सचिव अशोक सिन्हा एवं उद्योग सचिव नवीन वर्मा से मुलाकात कर उन क्षेत्रों पर चर्चा की जहां बिहार के तेजी से विकास के लिए ब्रिटेन इस राज्य के साथ गठजोड़ कायम कर सकता है।

प्रकाशित 25 March 2013