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कनेक्टिंग द डॉट्स - ओडि़शा के निर्वाचित प्रतिनिधियों को जलवायु परिवर्तन के मसले से जोड़ा गया

जलवायु परिवर्तन के मसले से सांसदों को जोड़ने संबंधी ओडि़शा चैप्टर की 23 मार्च 2013 को भुबनेश्वर में बैठक सफलतापूर्वक आयोजित की गई।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Connecting the dots

ओडि़शा भारत के उन छह राज्यों में से एक है, जो सांसद अभियान की सूची में है। इस अभियान का उद्देश्य ओडि़शा के निर्वाचित प्रतिनिधियों को जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा के मसलों से जोड़ना एवं उन पर विचार विमर्श करवाना है।

‘कनेक्टिंग द डॉट्स: कन्टेक्सचुलाइजिंग क्लाईमेट चेंज’ विषय पर अंग्रेजी और हिन्दी में एक टूल किट तैयार की गई है। राज्य के मुख्य मंत्री नवीन पटनायक, पूर्वी भारत स्थित ब्रिटिश उपउच्चायुक्त संजय वाडवानी और ब्रिटिश हाई कमीशन-डीएएफआईडी क्लाईमेट चेंज एंड डेवलपमेंट के टीम लीडर ग्रेग ब्रीफा ने पर्यावरण मंत्री तथा अन्य मंत्रियों/संसद सदस्यों के साथ इस टूल किट को लांच किया। इस कार्यक्रम ने राज्य के अनेक विधायकों एवं जिला परिषद के सदस्यों को इसमें भाग लेने को आकर्षित किया। इनमें से कुछ प्रतिनिधि राज्य के दूरवर्ती निर्वाचन क्षेत्रों से लंबी यात्रा करते हुए कार्यक्रम में पहुंचे थे।

मुख्य मंत्री ने ओडि़शा में सौर, पनबिजली एवं बॉयो-मास ऊर्जा सहित पर्यावरण हितैषी और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन एनर्जी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की स्थापना के बारे में प्रकाश डाला। राज्य के पर्यावरण मंत्री बिजयश्री रौत्रे ने कहा कि ओडि़शा में कार्बन फुटप्रिन्ट के आकलन पर एक अध्ययन करवाया जा रहा है और इस अध्ययन से राज्य में निम्न कार्बन संबंधी रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी। सांसद बी.जे. पांडा ने विधायकों और पंचायत के सदस्यों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के मसले पर ध्यान दें और उसके प्रभाव में कमी लाएं। ग्रेग ब्रीफा ने एक प्रस्तुति पेश की, जिसमें उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने के कानूनों के बारे में ब्रिटिश दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला।

ब्रिटिश उपउच्चायुक्त संजय वाडवानी ने उन मौजूदा परियोजनाओं का जिक्र किया, जिनसे निम्न कार्बन डिजाइन की नीतियां बनाने और ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकी में सुधार को समर्थन देने में सरकार की मदद की जा रही हैं। ये परियोजनाएं हैं- एलईडी स्ट्रीट लाइटिंग प्रोजेक्ट और फिस्कल इंस्ट्रूमेंट प्रोजेक्ट। जिन अन्य सांसदों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, उनमें कैलाश सिंह देव, प्रसन्ना पाटसानी, भक्त चरण दास और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सूर्य नारायण पात्रो शामिल हैं।

अधिकतर प्रतिनिधियों ने उडि़या भाषा में अपने विचार प्रकट किए, जिसके मद्देनजर इस आयोजन की हमारी स्थानीय साझेदार सेंचुरियन यूनिवर्सिटी ने अंग्रेजी में प्रमुख बातों के अनुवाद की व्यवस्था की।

प्रकाशित 26 March 2013